फेक वेबसाइट को कैसे पहचानेंगे, आइए जानते हैं कुछ सबसे आसान तरीके
दोस्तों, आजकल हमारे दैनिक जीवन में इन्टरनेट का उपयोग एक आम बात हो चुकी है. लेकिन इन्टरनेट पर हमें कई बार धोखाधड़ी का शिकार भी होना पड़ता है. इसके लिए हमे cyber security के बारे में जानकारी होना जरूरी हो जाता है. ऐसे में इटरनेट का उपयोग करते समय साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए बेहद सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि अब धोखेबाज लोगों को जाल में फंसाने और उनके अकाउंट से पैसे निकालने के लिए तरह तरह के नये तरीके अपनाते रहते हैं. इन्हीं कुछ तरीकों में से एक साइबर ठगों के द्वारा फेक वेबसाइट का इस्तेमाल करना भी है.
साइबर धोखाधड़ी से बचाव
इंटरनेट ने न सिर्फ दुनियाभर में काफी तेजी से कई महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया है, बल्कि एक आभासी दुनिया भी दी है, जिसमें हमारे जीवन को तेज और आसान बनाने वाले सभी काम अब बड़ी ही आसानी से पूरे हो जा रहे हैं. इन्टरनेट के आने से जहां एक ओर बैंकिग काफी आसान हो चुकी है वहीं उतनी ही तेजी से साइबर धोखाधड़ी भी काफी बढ़ गया है. इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ ही अब साइबर सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन चुकी है.
ऐसे में इंटरनेट उपयोग करते समय आपको साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि अब धोखेबाज, लोगों को जाल में फंसाने और उनके अकाउंट से पैसे निकालने के लिए नए नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर ठग इसके लिए फेक वेबसाइट का भी इस्तेमाल करते रहते हैं।
लेकिन अगर कुछ सावधानी बरती जाए तो साइबर ठगी से बचाव किया जा सकता है. तो अब हम आपको फेक वेबसाइट को पहचानने के कुछ तरीके बताने वाले हैं, जिससे साइबर ठगी से काफी हद तक बचा जा सकता है.
इस तरह से जानें फेक वेबसाइट
- इसके लिए सर्च इंजन में जिस वेबसाइट के बारे में आपको पता करना है, उस वेबसाइट का एड्रेस लिखें और फिर रिजल्ट को ध्यान से का रिव्यू करें क्युकी वेबसाइट के एड्रेस में ही कई महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होती है. इसलिए हमेशा ही किसी भी वेबसाइट को ब्राउज करने, कोई ऑनलाइन स सामान खरीदने या कोई ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने से पहले यूआरएल की जांच जरूर से जरूर कर लें.
- जब भी कोई वेबसाइट ब्राउज करें तो कनेक्शन टाइप जरूर देखें और अच्छी तरह से यह सुनिश्चित कर लें कि उस वेबसाइट के यूआरएल में HTTPS लिखा है अथवा नहीं, क्योंकि वेबसाइट HTTPS पर सुरक्षित रूप से कनेक्ट होती है, मतलब कि HTTPS वाली वेबसाइट सुरक्षित होती है, HTTP वाली नहीं।
- सके अलावा आपको वेबसाइट के सर्टिफिकेशन और ट्रस्ट सील को भी जरूर वेरिफाई करना चाहिए. इसके लिए हमेशा SSL सर्टिफिकेशन को चेक कर लेना चाहिए. ये ट्रस्ट सील आमतौर पर होमपेज, लॉगिन पेज और चेकआउट पेज पर लगाए जाते हैं, इसलिए हर वेबसाइट के लॉगिन पेज, होम पेज और लोग आउट पेज को ध्यान से चेक करें.
- इसके साथ ही अगर किसी वेबसाइट पर खराब या त्रुटि युक्त अंग्रेजी मे लिखा दिखे मतलब गलत वर्तनी और गलत स्पेलिंग हो, तो समझ लें कि यह एक फेक वेबसाइट के होने की संभावना हो सकती है। अमूमन गलत व्याकरण, या अजीब वाक्यांश से वेब साइट की वास्तविकता पर प्रश्न चिन्ह लगता है.
- इसके अलावा अगरआपको किसी वेबसाइट पर आक्रामक विज्ञापन दिखाई देते हैं तो भी सावधान रहने की जरूरत होती है. तो यदि किसी वेबसाइट पर ऐसे विज्ञापन दिखाई दे रहे हैं, तुरंत सतर्क होने की जरूरत है और इस तरह की वेबसाइट को तुरंत बंद कर देना ही बेहतर होता है. क्युकी अगर आपने किसी विज्ञापन पर क्लिक कर दिया तो आपको तुरंत किसी अन्य फेक साइट पर भेजा जा सकता है जहां वायरस और ट्रोजन हो सकते हैं और फिर आपकी सिक्युरिटी को खतरा हो सकता है, आपका डेटा चोरी हो सकता है.
इस प्रकार से उपरोक्त कुछ बातों का ध्यान रख कर हम आसानी से साइबर धोखाधड़ी से बच सकते हैं.
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