Public and private life insurance companies in India । Life insurance companies in India । Life insurance । IRDA । Technical vaani - Technical vaani

Technology, Affiliate Marketing, Finance, Insurance, Sports etc.

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Sunday, January 19, 2020

Public and private life insurance companies in India । Life insurance companies in India । Life insurance । IRDA । Technical vaani

एक जैसी ही हैं गैर सरकारी (प्राइवेट) और पब्लिक  (सरकारी) जीवन बीमा कंपनियां -

दोस्तों, भारत में जीवन बीमा व्यवसाय देश के प्रमुख व्यवसायों में से एक है। यहां जीवन बीमा (Life insurance) का स्कोप बहुत विस्तृत है। देश में जीवन बीमा के क्षेत्र में सरकारी व गैर सरकारी कुल मिलाकर 24 जीवन बीमा (Life insurance) कम्पनियां काम कर रही हैं। इनमें से सरकारी क्षेत्र में केवल एक एल.आई.सी. तथा निजी या गैर सरकारी क्षेत्र में कुल 23 अन्य जीवन बीमा कंपनियां (Life insurance companies) काम कर रही हैं।

ऐसे में आम जनमानस के मन में हमेशा यह आशंका बनी रहती है कि उसके हितों की रक्षा और पैसों की सुरक्षा केवल सरकारी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों में ही सुरक्षित है। अतः उचित जानकारी न होने के अभाव में गैर सरकारी जीवन बीमा कंपनियों को असुरक्षित समझा जाता है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
Technical vaani
Life insurance

सरकारी क्षेत्र की एकमात्र जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (एल.आई.सी.) तथा अन्य निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों (Public and private life insurance companies in India) में कोई भी अन्तर नहीं होता है। दोनों ही के लिए IRDA के नियम व शर्तें एक समान होती हैं, इसके बबावजू लोगो में यह आशंका बनी रहती है कि प्राइवेट जीवन बीमा कंपनियां कभी भी बंद हो सकती हैं या उनका पैसा लेकर भाग सकती हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सरकारी व गैर सरकारी दोनों ही क्षेत्रों की जीवन बीमा कंपनियां बिल्कुल एक जैसी ही हैं और दोनों में ही ग्राहकों/बीमा धारको का पैसा और बीमा हित पूरी तरह से सुरक्षित है।

दरअसल इसका एक बड़ा कारण यह है कि आम जनमानस जीवन बीमा कंपनियों को भी कुछ चिट फंड और कुछ अन्य तरह की उन कम्पनियों जैसा ही समझते हैं जिनमें लोगों का पैसा पूर्व में डूब चुका है। जबकि यह पूर्णतया गलत है। जीवन बीमा कम्पनियां और चिट फंड कम्पनियां  (Non Banking Finance Companies) एक दूसरे से पूर्णतया अलग हैं और इनमें कोई समानता नहीं होती है। इनके काम करने का तरीका और नियन्त्रण करने वाली संस्था दोनों ही उन चिट फंड कम्पनियों से अलग हैं।

कम जागरूक ग्राहक जो ये पहचान नहीं कर पाते हैं कि कौन सी सीधे तौर पर आई.आर.डी.ए. (IRDA) से लाइसेंस प्राप्त जीवन बीमा कम्पनी है, वो इस बात का ध्यान रखें कि जिन कम्पनियों के नाम में 'जीवन बीमा कम्पनी' लगा होता है वे ही सुरक्षित जीवन बीमा कंपनियां हैं। हमारे देश में काम कर रही अब तक की सभी 24 जीवन बीमा कंपनियों (Life Insurance companies in India)  की सूची इस प्रकार है -
Technical vaani
List of life insurance companies in india

Technical vaani

Watch : The Master Tricks to draw the lines in Msword 


बहरहाल यहां हम सरकारी व गैर सरकारी जीवन बीमा कंपनियों (Public and private life insurance companies in India) में कोई अन्तर क्यों नहीं है और क्यों दोनों एक जैसी ही होती हैं इसको आगे थोड़ा विस्तार से समझते हैं।
  • हमारे देश में जीवन बीमा उद्योग 'बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण' (Insurance Regulatory  and Development Authority/IRDA) द्वारा संचालित किया जाता है। जोकि भारत सरकार द्वारा सन् 1999 में स्थापित एक एजेंसी है। जिसका प्रमुख उद्देश्य जीवन बीमा पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करना है। IRDA जीवन बीमा उद्योग का विनियमन तथा संवर्धन आदि का कार्य करता है। देश की सभी जीवन बीमा कंपनियां IRDA के ही दिशा निर्देशों के अनुसार काम करती हैं फिर चाहे वो सरकारी या गैर सरकारी कोई भी हों। यह बीमा क्षेत्र का रेग्युलेटर होता है जिसके पास बीमा कंपनियों पर नियंत्रण रखने के लिए पर्याप्त शक्तियां हैं। 
Technical vaani
Irda
  • आईआरडीए (IRDA) के दिशा निर्देशों के अनुसार सभी सरकारी व गैर सरकारी जीवन बीमा कंपनियों (Public and private life insurance companies in India) को साल्वेसी मार्जिन 150 फीसदी कम से कम बनाये रखना अनिवार्य होता है। यानी कि बीमा कंपनी को पॉलिसी धारक के 100 रुपये पर 150 रुपये साल्वेसी मार्जिन बनाये रखना पड़ता है जिससे उसके हितों की रक्षा हो सके। साल्वेसी मार्जिन का मतलब यह है कि कम्पनी की सम्पत्ति उसकी देनदारियों से अधिक है। IRDA बीमा कंपनियों के साल्वेसी मार्जिन पर नजर रखता है और इसके मेन्टेन न होने पर पालिसी धारकों के हितों को बनाए रखने के बीमा कंपनियों पर कार्यवाही कर सकता है।  
  • सभी बीमा कंपनियों के साथ एक रि-इन्श्योरेन्स कम्पनी भी मिलकर काम करती है ताकि विकट परिस्थितियों में बड़े से बड़े क्लेम को भी निपटाया जा सके।
  • इसके अलावा बीमा लोकपाल सभी कम्पनियों के पालिसी धारको के हितों की रक्षा के लिए होता है। बीमा लोकपाल के पास पालिसी धारक कम्पनी के साथ किसी भी विवाद की शिकायत कर सकते हैं।  इसके द्वारा पालिसी धारक और बीमा कंपनी के बीच किसी भी विवाद का निपटारा तय समय में किया जाता है।
इस प्रकार से भारत में दोनों ही सरकारी और निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कम्पनियों (Public and private life insurance companies in India) में कोई भी अन्तर नहीं होता है। 

अतः ग्राहक बिना किसी संदेह के दोनों ही तरह की कम्पनियों से जीवन बीमा पॉलिसी खरीद सकता है। दोनों ही जगह उसका हित पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन फिर भी अगर कोई संदेह है तो ग्राहक चाहे तो एक से ज्यादा कम्पनी से अलग अलग जीवन बीमा पॉलिसी खरीद कर जोखिम बांट सकता है।

इन्हें भी ज़रूर पढें -

Public and private life insurance companies in India । Life insurance companies in India । Life insurance । IRDA 

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages