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Friday, May 4, 2018

History Of Computer । Generation of Computer । Technical vaani


 कम्प्यूटर का इतिहास (History Of Computer)

            
            जब कठिनतम गणितीय सवालों को हल करना बहुत कठिन और अत्यधिक समय लेने वाला हुआ करता था, तो उनको को हल करनें के लिए बहुत सारी विशिष्ट प्रकार की मशीनों का आविष्कार किया गया. समय के साथ-साथ इन मशीनों में अनेक प्रकार के बदलाव और सुधार भी हुए। तब जाकर आधुनिक कम्प्यूटर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण हो सका. यही आधुनिक कम्प्यूटर आविष्कार का प्रारंभिक क्रम था।
History Of Computer      लगभग 3000 ई.पू. में अबेकस (ABACUS) नामक गणना करने वाले एक यन्त्र को प्रथम कम्प्यूटर कहा जाता है, जिसका अविष्कार चीन में हुआ था। ABACUS में कई छड़ें होती थी जिनमें कुछ गोले के आकर की रचनाये होती थी। जिनके माध्यम से जोड़ और घटाने का कार्य किया जाता था, परन्तु इनसे ABACUS के द्वारा गुणन और विभाजन का कार्य सम्भव नहीं था। ये कम्प्यूटर के विकास क्रम की एक कड़ी है। 
              1600 ई० से लेकर 1970 ई० के दौरान अनेक अविष्कार हुए जिनका सम्बन्ध कंप्यूटर के विकास से है। जो निम्नवत हैं -
             (1) इस बीच 1622 ई० में William Oughtred द्वारा एक यंत्र "स्लाइड रुल" का आविष्कार किया जो Multiplication और Division के अलावा कुछ Scientific Functions जैसे Roots और Logarthims इत्यादि को हल किया जा सकता था। 1642 ई० में  Pascal नें "पास्कलिन" नामक यन्त्र का आविष्कार किया, जिसके द्वारा जोड़ने और घटाने के साथ-साथ Multiplication और Division भी किया जा सकता था।
             (2) Leibniz's Stepped Reckoner or Stepped Reckoner:- 1672 ई० में Gottfried Wilhelm Leibniz नें लाइब्निज़ स्टेप रेकॉनर (Leibniz Step Reckoner or Stepped Reckoner) नामक एक कैलकुलेटर मशीन का निर्माण किया जिसके द्वारा जोड़, घटाना, गुणा तथा भाग सभी प्रकार की गणनाएं करना सम्भव हुआ। 


           
             (3) Difference Engine :- 1822 ई० में प्रसिद्ध वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज नें "डिफरेंशिअल इंजन" का निर्माण किया और फिर 1837 ई० में एक और मशीन "एनालिटिकल इंजन" का अविष्कार किया था जिसे वे धन की कमी के कारण पूरा नहीं कर सके थे। माना जाता है कि तभी से आधुनिक कंप्यूटर की शुरुवात हुई। इसीलिए वैज्ञानिक "चार्ल्स बैबेज" को "आधुनिक कंप्यूटर का जनक" ‘Father of Computer’ कहाँ जाता है। यह चार्ल्स बैबेज ही थे, जिन्‍होने सबसे पहले सुझाव दिया था कि पिछले साल के मौसम को पेड़ के छल्ले से पढ़ा जा सकता है।
                Analytical Engine पूरी तरह से प्रोग्रामींग कंट्रोल, आटोमेटिकल, मैकेनिकल डिजिटल कंप्यूटर था। यह इससे पहले संभव न होने वाले किसी भी कैलकुलेशन को सेट को करने में सक्षम था। इस मशीन को चार कंपोनेंट्स से मिलकर बनाया गया था: मिल, स्टोर, रीडर और प्रिंटर। ये कंपोनेंट्स आज हर कंप्यूटर के आवश्यक कंपोनेंट्स हैं।
                                                 
          1842 ई० में Lady Augusta ने First Computer Programmer Engine का आविष्कार किया।   
   
               (4) Konrad Zuse - Zuse-Z3 Machine :-   1941 ई० में वैज्ञानिक "कोनार्ड जुसे" नें "Zuse-Z3" नाम का एक यंत्र बनाया जो कि द्वि-आधारी अंकगणित की गणनाओ (Binary Arithmetic) को एवं चल बिन्दु अंकगणित गड़नाओं (Floating point Arithmetic) पर आधारित सर्वप्रथम Electronic Computer था।  

         (5) Electronic Numerical Integrator And Computer (ENIAC) :-  1946 ई० में अमेरिका की एक सैन्य शौध शाला ने "ENIAC" (Electronic Numerical Integrator And Computer) नामक मशीन का निर्माण किया, जो कि दाशमिक अंकगणितीय प्रणाली (Decimal Arithmetic system ) पर आधारित था. यह सामान्य न्यूमेरिकल कैलकुलेशन करने में सक्षम थी। यही आगे चलकर आधुनिक कंप्यूटर के रूप में विकसित हुई और आधुनिक कंप्यूटर के विकास का आधार भी बनी। "ENIAC" को पहला इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर भी कहा जाता है 


                    (6) Manchester Small-Scale Experimental Machine :- 1948 में Manchester Small-Scale Experimental Machine नामक पहला ऐसा कम्प्यूटर बनाया गया जो किसी भी प्रोग्राम को Vaccum Tube में संरक्षित (Save ) कर सकता था, लेकिन यह आकार में बहुत बड़ा था.

कम्प्यूटर का पीढ़ीगत विकास (Generation Of Computer)

     विकास के क्रम को कम्‍प्‍यूटर में हुए मुख्‍य परिवर्तन के आधार पर निम्‍नलिखित पॉंच पीढि़यों में बॉंटते हैं:-

  1. पहली पीढ़ी (First Generation, 1940-1956) :- प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में सर्वप्रथम वैक्यूम ट्यूब (Vacume Tube) नामक तकनीक का प्रयोग किया गया था। इन वेक्यूम ट्यूब की वजह से कंप्यूटर आकर में बहुत बड़ा लगभग एक कमरे के जितना बड़ा था। कंप्यूटर का आकर बड़ा होने के कारण इन को चलाने में बिजली की बहुत अधिक खपत होती थी. वेक्यूम ट्यूब से बहुत ज्यादा गर्मी पैदा होती थी तथा इनकी टूट फुट की सम्भावना भी अधिक रहती थी। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता था तथा प्रोग्राम को पंचकार्ड नामक डिवाइस में स्टोर किया जाता था। इन कंप्यूटर्स में गणना करने की क्षमता बहुत कम एवं डाटा को स्टोर करने की क्षमता बहुत सीमित होती थी। इन कंप्यूटर्स में मशीन भाषा का प्रयोग किया जाता था
              पहली पीढ़ी के कंप्यूटर मशीनों के उदाहरण ENIAC तथा UNIVAC कंप्यूटर हैं, जिसे 1945 में बनाया गया था। ENIAC कंप्यूटर का वजन 30 टन के लगभग था। इसमें 18000 वेक्यूम ट्यूब्स, 1500 रिले, हजारो रजिस्टेंस और कैपिस्टर्स का प्रयोग किया गया था तथा इसके संचालन में 200 किलोवाट बिजली का उपयोग किया जाता था। यूनिवेक पहला व्यवसायिक कंप्यूटर (Comercial Computer ) माना जाता है,  जिसे 1951 में अमेरिकी जनगणना के लिए प्रयोग किया गया।
  2. दूसरी पीढ़ी (Second Generation, 1956-1963) :- 
               अब कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जाने लगा। जिससे दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरों का आकर बहुत ही छोटा हो गया, जिसके कारण ये कम स्थान घेरते थे और सस्ते होते थे। ट्रांजिस्टर की कार्य क्षमता भी अधिक थी और ये कम गर्मी पैदा करते थे। इन कंप्यूटर को चलाने के लिए कम बिजली की खपत होती थी। ये कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के मुकाबले अधिक तेज थे। इन कंप्यूटरो में मेमोरी के लिए मेग्नेटिक ड्रम के स्थान पर अब मेग्नेटिक कोर का प्रयोग किया गया था तथा सेकंडरी स्टोरेज के लिए पंचकार्ड के स्थान पर मेग्नेटिक टेप और डिस्क का प्रयोग होने लगा था। इस पीढ़ी में FORTRAN, COBOL जैसी High Level Language का अविष्कार हुआ. इन Lenguages में English के अक्षरो का प्रयोग किया गया था। इसके 
    साथ ही कंप्यूटर युग में एक क्रांति गयी।


3. तीसरी पीढ़ी (Third Generation, 1964-1971):-  
                  
इन कंप्यूटर्स में अब ट्रांजिस्टरों के स्थान पर इंटीग्रेटिड सर्किट (I.C.) का प्रयोग होने लगा था। I.C. बहुत सारे ट्रांजिस्टरों, रजिस्टरों और केपिस्टरो का संग्रहित रूप होता है जिसमे बहुत सारे ट्रांजिस्टरों, रजिस्टरों और केपिस्टरो को मिलाकर एक सूक्ष्म डिवाइस का निर्माण किया जाता है। I.C. सिलिकॉन नामक पदार्थ से बनायीं जाती है इसमें लोहा, एल्युमीनियम, पोटेशियम जैसे पदार्थ होते है जो इसके कार्य क्षमता को कई गुना बढ़ा देते है। I.C. के प्रयोग से आधुनिक कंप्यूटर का रूप छोटा हो गया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स में अब ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होने लगा था, जिसके कारण कंप्यूटर अधिक तेज हो गया और इसके आंतरिक कार्य स्वचालित हो गये। 




                    इसके साथ ही High Level Language में अब नयी नयी भाषाओ का विकास होने लगा जैसे कि BASIC (Beginners All Purpose Symbolic Instruction Code)। इस पीढ़ी में ही मिनी कंप्यूटर का भी विकास हुआ जो पुराने कंप्यूटर से बहुत छोटा था। इन कंप्यूटर्स में डाक्यूमेंट्स बनाना और सेव करना बहुत आसान हो गया था। 

4. चौथी पीढ़ी - (Fourth Generation, 1971 से अब तक) - 

                  माइक्रोप्रोसेसर के निर्माण के  साथ ही I.C. का स्थान माइक्रोप्रोसेसर ने ले लिया। माइक्रोप्रोसेसर जिसे Large Scale Integrated Circuit का नाम  दिया गया. लाखो ट्रांजिस्टरों से निर्मित चिप को ही माइक्रोप्रोसेसर नाम दिया गया। माइक्रोप्रोसेसर के प्रयोग से निर्मित कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर कहा जाने लगा था। दुनिया का सबसे पहला माइक्रो कम्प्यूटर MITS नाम की प्रसिद्ध कंपनी ने बनाया था।


                 माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार  से पहले C.P.U. अलग-अलग कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जोड़कर बनाए जाते थे। अब कोर मेमोरी  स्थान सेमीकंडक्टर पदार्थ से बनी मेमोरी का प्रयोग होने लगा, जो आकार में बहुत छोटी और गति में बहुत तेज होती थी। इस पीढ़ी में अब डेटाबेस कार्य करने के लिए सरल सॉफ्टवेयर का निर्माण आरम्भ हो गया था, जैसे :- स्प्रेडशीट आदि।


5. पांचवीं पीढ़ी (Fifth Generation, 1985 से अब तक) :- 
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही विकसित और कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) युक्त हैं। कंप्यूटर की पॉंचवीं पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली एवं उच्‍च तकनीक वाले कम्‍प्‍यूटर से लेकर भविष्‍य में आने वाले कम्‍प्‍यूटरों तक को शामिल किया गया हैं। आज के कम्‍प्‍यूटर इतने विकसित हैं कि वे हर विशिष्‍ट क्षेत्र, मूल रूप से अकाउन्टिंग, इंजिनियरिंग, भवन-निर्माण, अंतरिक्ष तथा दूसरे प्रकार के शोध-कार्य में उपयोग किये जा रहे हैं। अब कम्प्यूटर को सभी प्रकार के क्षेत्र में काम करने के लिए विकसित किया जा रहा है। 
                 आज के कम्प्यूटरो को सूचनाओ के आदान प्रदान के लिए इन्टरनेट के माध्यम से नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। कंप्यूटर आकार में दिन प्रतिदिन छोटा होता जा रहा है। आकार के नाम पर इनको नाम दिए जा रहे है। जैसे - डेस्क टॉप, लैप टॉप, पाम टॉप आदि।  
               इस पीढ़ी में कम्‍प्‍यूटरों का परस्‍पर संयोजन  किया गया ताकि डेटा तथा सूचना की आपस में साझेदारी तथा आदान-प्रदान किया जा सकें। नये इंटिग्रेटेड सर्किट (Ultra Large Scale Integrated Circuit), वेरी लार्ज स्‍केल इंटिग्रेटिड सर्किट (Very Large Scale Integrated Circuit) को प्रतिस्‍थापित करना शुरू किया गयाl
                 इंटरनेट, मल्टीमीडिया आदि टेक्नोलॉजी का निर्माण भी  इसी पीढ़ी में हुआ जिसमे मुख्य रूप से चित्र (Graphics), ध्वनि (Sound), तथा एनिमेशन आदि है. आज कंप्यूटर अति विकसित होने के कारण ही इस का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है जैसे बैंकिंग, फिल्म निर्माण, उद्योग आदि.

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